Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF – Download

नमस्कार आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री हनुमान जी की आरती पीडीएफ (Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF) जैसा कि हम सब जानते हैं कि हनुमान जी हम हर तरह का संकट हरने वाले हैं नीचे दिए गए लेख में आप श्री हनुमान जी की आरती (hanuman ji ki aarti PDF) पढ़ सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं

हम आपको बताना चाहेंगे कि श्री हनुमान जी की आरती की बहुत महिमा है श्री हनुमान जी की आरती आकाश सुख व समृद्धि देने वाली है आमतौर पर श्री हनुमान जी की आरती को श्री हनुमान चालीसा अथवा हनुमान जी की अन्य स्तुति के बाद गया जाता है

विशेष सूचना

श्री हनुमान जी की आरती करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान लेकर जो नीचे बताई गई हैं

  • ब्रह्मचर्य का पालन करें अथवा साफ सूत्रे कपड़े पहने
  • प्रत्येक मंगलवार को श्री हनुमान जी की आरती का पाठ जरूर करें
  • अगर हो सके तो अपनी नजदीकी हनुमान मंदिर में मंगलवार के दिन जरूर जाएं इससे आपको श्री हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी
  • भूखे और गरीबों को दान जरूर दें और हो सके तो बंदरों को गुड और चने जरूर खिलाएं

ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक आप करने पर आप आरती हनुमान जी की पीडीएफ डाउनलोड (Aarti Hanuman ji ki PDF) कर सकते हैं, अथवा इस लिंक पर क्लिक (click here) करने पर भी आप श्री हनुमान जी की आरती डाउनलोड (Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF Download) कर सकते हैं

श्री हनुमान जी की आरती
(Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF)

Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥

बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥

कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

॥ इति संपूर्णंम् ॥

जय घोष

सियावर रामचंद्र की जय ॥
पवनसुत हनुमान की जय ॥

Aarti Hanuman ji ki

हम आशा करते हैं कि आपको श्री हनुमान जी आरती (hanuman ji ki aarti) का हमारा प्रयास पसंद आया होगा हमारी वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद हम आशा करते हैं कि श्री हनुमान जी की आरती गाने से आपकी हर तरह के दुख और दूर हो जाए और आपको सुख समृद्धि मिले

आप हमारी वेबसाइट से श्री हनुमान चालीसा की पीडीएफ भी डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
श्री हनुमान चालीसा की पीडीएफ (Shri Hanuman Chalisa PDF)

धन्यवाद आपका दिन शुभ हो🙏

Leave a Comment